MP में चुनाव से पहले CM शिवराज सरकार ने की पशुओं के इलाज के लिए एंबुलेंस सेवा की सुविधा, जानिए क्या है टोल फ्री नंबर

नमस्कार दोस्तों MP में चुनाव से पहले CM शिवराज सरकार ने दी पशुओं के इलाज के लिए सौगात जी हां दोस्तों मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के लोगों को पशुओं के इलाज के लिए एंबुलेंस की सुविधा की है जी दोस्तों एंबुलेंस एक विशेष नंबर पर कॉल करने पर यह एंबुलेंस पशु इलाज के लिए आप के घर तक पहुंचेगी दोस्तों एंबुलेंस का एक टोल फ्री नंबर जारी किया गया है पशु इइलाज के लिए एंबुलेंस की सुविधा मध्य प्रदेश सरकार ने की है जी दोस्तों आपको बता दें पहले आप हमारे चैनल को फॉलो करें और पोस्ट को पूरा जरूर पड़े जिससे यह जानकारी आपको ठीक से समझ में आ सके और दोस्तों को शेयर करें

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एंबुलेंस के लिए कब करना होगा कॉल

दोस्तों दोस्तों हम बात करने वाले हैं पशु एंबुलेंस के बारे में 1 अप्रैल 2023 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी द्वारा पशु एंबुलेंस की सुविधा को चालू किया गया है दोस्तों जैसे कि आपको पता है कि जननी एक्सप्रेस 108 पर महिलाओं के लिए उपलब्ध रहती है उसी तरह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गौ सेवा के लिए पशु एंबुलेंस की सुविधा चालू की है इसके लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया गया है 1962 जिस पर कॉल करने पर पशुओं के इलाज के लिए एक एंबुलेंस डॉक्टर आपके घर तक इलाज के लिए पहुंचेगा

पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक की चर्चा

मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल थी 2023 से पशु एंबुलेंस की सुविधा चालू की गई है पशुपालन विभाग ने एंबुलेंस में एक डाक्टर है एक कंपाउंडर और एक ड्राइवर सहित 1238 लोगों को रोजगार दिया गया है । एंबुलेंस में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध रहेगी
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि धार्मिक व्यक्ति और संस्थान गो-शालाओं का संचालन बेहतर ढंग से करते हैं। जिन ग्राम सभाओं में गो-शालाओं का व्यवस्थित संचालन नहीं हो रहा है, वहाँ यह जिम्मेदारी एनजीओ को दें। बताया गया कि पड़ौसी राज्य राजस्थान में लम्पी बीमारी से लगभग 70 हजार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्यप्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लम्पी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाये गये 37 लाख 13 हजार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़ कर एक गो-वंश वन विहार बनायें।
मध्यप्रदेश में बछियों की प्रजाति बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर पर निशुल्क टीके उपलब्ध कराए जाएंगे जिससे अच्छी नस्ल वाली गाय 90% बच्चियों का जन्म होगा अधिक दूध देने वाली गाय रहेंगे । गौशाला में चारा भूसा के लिए 202 करोड़ों रुपया उपलब्ध कराए जाएंग पर उपलब्ध कराए जाएंगे

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